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लेखनी प्रतियोगिता -27-Sep-2023

नव मानवतावाद 
चौपाई 

फीस गगन को छूती जाती।
 समझ पढ़ाई कब है आती।।
मोबाइल से बच्चे पढ़ते।
घिसट घिसट कर आगे बढ़ते ।।

अधिगम ट्यूशन से सब करते।
क्यों फिर फीस यहाँ पर भरते।।
 कमर तोड़कर पिता कमाते।
 विद्यालय को भेंट चढ़ाते।।

 नैतिकता से रिश्ता टूटा।
 हाथ शिष्य का गुरु से छूटा।।
 नहीं रहा संबंध अमर ये।
फैल रही है नित्य खबर ये।।

 आओ मूल्यों को हम जानें।
 सच्ची शिक्षा को पहचानें।।
 नैतिकता का अब अधिगम हो।
 संस्कार का उर उद्गम हो।।

 करें नित्य गुरुओं का आदर।
मानवता की ओढ़ें  चादर ।।
मात-पिता गुरु से नित सीखें।
बदलेंगी तब ही तारीखें।।

निज क्षमता का भान करें हम।
गुरुओं का गुणगान करें हम।।
सादा हो गणवेश हमारा।
बहे ज्ञान की अनुपम धारा।।

प्रीति चौधरी"मनोरमा"
जनपद बुलंदशहर
उत्तरप्रदेश

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6 Comments

KALPANA SINHA

29-Sep-2023 01:53 PM

V nice

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बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन

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madhura

28-Sep-2023 07:00 AM

अद्भुत

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